उभरते हुए बिजनेसेस के लिए बिल्डिंग या वर्क स्पेस एक्वायर करना. फिर वर्क कल्चर के हिसाब से ऑफिस डिजाइन करना और आखिर में एम्प्लॉई से जुड़ी जरूरी सुविधा मुहैया कराना, इसके लिए अच्छा खासा वक्त और पैसा लग जाता है. लेकिन अगर आप को-वर्किंग स्टार्टअप Skootr की सवारी कर रहे हैं तो इन सब झमेलों से बच सकते हैं. वो भी बेहद कम लागत में.
4 साल पहले तीन दोस्तों ने की थी शुरुआत
अपने बिजनेस मॉडल के जरिए Skootr बड़े कॉरपोरेट्स, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज, स्टार्टअप या फिर फ्रीलांसर की ऑफिस स्पेस की टेंशन को दूर कर रहा है. साल 2016 में तीन दोस्त पुनीत चंद्रा, अनुज सक्सेना और अंकित जैन ने Skootr की शुरुआत की. फाउंडर्स की रियल एस्टेट, टेक्नोलॉजी और बिजनेस स्ट्रैटिजी की गहरी समझ से कंपनी जल्दी ही प्रोफिटेबल हो गई.
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पूरे देश में करीब 55 क्लाइंट्स
पूरे देश में Skootr के करीब 55 क्लाइंट्स हैं. जिनमें से Expedia, Economist, Baker & Hughes जैसे बड़े क्लाइंट्स शामिल हैं. अगर रेवेन्यू मॉडल की बात की जाए तो हर महीने के हिसाब से Skootr दिल्ली-NCR में एक सीट के लिए 15,000 से 50,000 रुपए चार्ज करता है. स्टार्टअप का पूरा फोकस टियर-I शहरों पर ही है और कंपनी इसी स्ट्रैटिजी के तहत तेजी से एक्सपेंशन प्लान पर काम जारी है.
फिलहाल Skootr गुरुग्राम, नोएडा, जयपुर और दिल्ली में ऑपरेशनल है और अब तक करीब 5 लाख Sq ft एरिया एक्वायर कर चुका है. वर्क स्पेस मार्केट में बढ़ती डिमांड को देखते हुए Skootr को पूरी उम्मीद है कि आने वाले सालों में उनकी ग्रोथ में कई गुना का इजाफा होगा.
(हर्ष वर्मा, संवाददाता- CNBC आवाज़)
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